जेठानी मंदिर प्रायः पूर्णत: जीर्णावस्था मैं है ईद तथा पत्थर द्वारा निर्मित इस मंदिर का प्रवेश द्वार दक्षिण दिशा की ओर है और पूर्व पश्चिम में भी बड़े-बड़े शिलाखंड ओ द्वारा निर्मित प्रवेश द्वार है मंदिर के स्तंभों के अधिष्ठान पर अनेक दुर्लभ प्रतिमाओं में से भगवान कार्तिकेय की मयूरासन प्रतिमा वास्तु शिल्प की एक उत्कृष्ट तथा अनुपम कृति है शराब शासक प्रसन्न मात्र के राज्य में प्रचलित रजत मुद्रा भी मंदिर अवशेष से ही प्राप्त हुए हैं
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