राजीव को छत्तीसगढ़ राज्य का महातीर्थ माना गया है राज्य के प्रमुख महत्वपूर्ण और धार्मिक आस्थाओं संयुक्त महानदी के दाहिने तट पर बसा नगर है राज्य के प्रयाग के नाम से प्रसिद्ध राजिम रायपुर से लगभग और 48 किलोमीटर दूर महानदी पैरी एवं शोधून नदियों के संगम पर बसा है यह बस मार्ग और रेल मार्ग से रायपुर से जुड़ा है प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा पर यहां एक बड़ा मेला लगता है इस मेले में प्रतिवर्ष बहुत अधिक संख्या में श्रद्धालु पर्यटक पवित्र महा नदी में स्नान करके पुण्य लाभ उठाते हैं राजी से धार्मिक महत्व है जगन्नाथपुर की यात्रा के पश्चात ऐसी मान्यता है कि इस स्थान की यात्रा करना भी अनिवार्य है
प्रमुख दर्शनीय मंदिर निम्न वत हैं कुलेश्वर महादेव मंदिर राजेश्वर मंदिर जगन्नाथ मंदिर वामन वाराह मंदिर बद्रीनाथ मंदिर धनेश्वर मंदिर सोमेश्वर महादेव मंदिर राजीव लोचन मंदिर पंचेश्वर महादेव मंदिर भूतेश्वर महादेव मंदिर नरसिंह मंदिर राजिम तैलिन का मंदिर रामचंद्र मंदिर राजिम का प्राचीन नाम कमल क्षेत्र या पदमपुर था मंदिर के शिलालेखों के अनुसार सीए मंदिर 14 एवं 15 वी शताब्दी के हैं राजिम की वर्तमान बस्ती के अंदर अनेक स्थानों परभणी के अवशेष मूर्तियों स्थानों प्रवेश द्वारों के अवशेष प्राप्त हुए हैं जो आठवीं से लेकर 14 शताब्दी के मध्य बने हैं
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